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दुश्मनी

SATYA MEV JAYATE
SATYA MEV JAYATE
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दुश्मनी और भी करीने से निभाई जाए ,
कोई शमशीर दिल में ना उतारी जाये !
क्यों किसी रात को अन्धेरा समझो ,
ये रात भी उजाले के लिए बिताई जाए !!

हर किसी बात का मतलब न निकालो ,
किसी भी तंज में पत्थर न उठा लो !
जाल से रिश्तों में कोई तो जगह होगी ,
बस दुश्मनी भी यूँ ही निभाई जाए !!

हैं ये अपने ही ज़रा गौर से देखो ,
दिल के टुकडें हैं ये इन्हें दूर न फेको !
न हो एतबार तो तिजारत ही सही ,
कुछ यूँ करो कि दिल से ये मायूसी जाए !!

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