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मैंने सुना है कि केजरीवाल इंजीनियर हैं ………….? और ये भी सुना है कि आई आई टी में पढ़े हैं …………..?
भाई में पहले ही बता दूँ मैं मोदी समर्थक हूँ लेकिन सही गलत में अंतर समझता हूँ अंधा भक्त नहीं हूँ ! क्योंकि आप लोग बाद में ये बात बताएं कि ये केजरीवाल को गलत कह रहा है तो किसी और पार्टी का होगा तो मैं अपना परिचय पहले ही करा देता हूँ !
………………लेकिन सवाल ये है कि क्या जनता से या राजनीति में झूठ अनिवार्य है इसके बिना काम नहीं चलता ……….? या इनको पता है जनता है ही वेवकूफ कुछ भी कर लो बिना झूठ के मानती नहीं ?
………………बाबा रामदेव टेक्स फ्री सिस्टम बना रहे हैं ,मुलायम सिंह सैफई में माधुरी-सलमान डांस को यूपी की सांस्कृतिक धरोहर बता रहे हैं ,मोदी कोंग्रेश मुक्त भारत बना रहे हैं ,केजरीवाल मीटर में हवा फूंक कर जनता को बता रहे हैं पानी के बिना भी घूमता है !
………………मुझे तो कभी-कभी लगता है कि ये नेताऒ की मजबूरी है झूठ बोलना पड़ता है …………पब्लिक समझने को तैयार ही नहीं है नेता को ही बताना पड़ता है कोई माने या ना माने ………..आज जो भारत कोंग्रेश मुक्त होने की राह पर है बाबा रामदेव और मोदी के कारण ही है ………वरना देश की जनता को कोई समस्या नहीं है अगर अन्ना ना बताते लोकपाल चाहिए तो कोई जरुरत भी नहीं थी ? केजरीवाल इलेकट्रिकल इंजीनियर हैं खम्बे पर चढ़ कर बिजली काट दी या जोड़ दी लोगों के समझ में आ गया बिजली खम्बे से काटी जाती है या जोड़ी जाती है वरना पब्लिक को पता ही नहीं था ? जनता तो हनुमान बनी बैठी रहती है कोई न कहे कुछ नहीं करेंगे जब मोदी ,रामदेव ,केजरीवाल कहते हैं कोंग्रेश भ्रष्ट है तब समझ में आ जाता है नहीं तो कोई बात नहीं ……………एक दोस्त से अपने स्थानीय नेता का बखान सुन रहा था ………..”भाईसाहब” मजाल है कोई पुलिसवाला निगाह ऊपर करके बात करे ……इतना डरते हैं उसका नाम सुन के कि पूछो मत मेरी जमानत उन्हीं ने करवाई थी और पैसा सिर्फ तीन साल की विधायकी में अरब पति बन गए हैं …………….मैंने पूछा ………लेकिन रोडों की हालत खराब है, बिजली आती नहीं ,अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं,जमीनें कब्जा की जा रहीं हैं …..भाईसाब का जबाब सुन के हैरान हुआ …….बोले ” अरे वो काम तो सरकार का है ” मेरी समझ में आज तक नहीं आया ये सरकार कौन है ?
……………….कहने का मतलब ”’नेता जनता को मूर्ख बनाते नहीं बल्कि ये जानते हैं कि जनता मूर्ख है” मुझे अभी तक लगता था भारत के तमाम छोटे शहर या गाँव में जहां कम या बिलकुल अनपढ़ कह लो में मिलते हैं लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस बार ये भी बता दिया कि ये पढ़ाई लिखाई की समस्या है ही नहीं ये तो एक कला है ……………”मंच पर खड़े दो आईआईटी के प्रोडक्टों केजरीवाल और कुमार विश्वास ” जनता ….सॉरी………. मूर्ख जनता को समझा रहे हैं ”ये देखो ये मीटर (मुह से फूकते हुए) हवा से भी गुमते हैं …………..पानी ना भी आये तो भी चलता है ………..मैंने जब ये एपीसोड देखा तो हैरान रह गया कि दो-दो इंजीनियर क्या बता रहे हैं…………? किसी पाइप से जुड़ा मीटर जिसे प्रवाह नापने के लिए लगाया गया हो वो थोड़े ही पहचानता है कि पानी है ,या डीजल है ,या पेट्रोल है या हवा है ? हाँ ये जिम्मेवारी जरुर बनती है कि पानी आये लेकिन पाइप में हवा भर जाने का सबसे बड़ा कारण बीच- बीच में लगाये गए पम्पों के प्रेसर से पानी को खीचने की वजह से होता है जो आम जनता ही इस्तेमाल करती है और एक बात अगर पम्प का इस्तेमाल अगर दो चार लोग भी करते हैं तो सभी की मजबूरी हो जाती है अगर कोई ना करे तो किसी को जरुरत नहीं है पानी अपने आप पहुंचेगा ! अगर ये सीधी बात जनता को बताते तो सभी को फ़ायदा होता चूँकि ये इंजीनियर तो पहले ही जागरूक करते तो अब तक फ़ायदा भी मिलने लगता ………………लेकिन अच्छे खासे मीटर की गलती बता कर खुद फस गए और ना जाने कितने रुपये के मीटरो का नुक्सान जनता को भरना पडेगा क्योंकि वो खराब हैं ही नहीं और ये बात साबित भी नहीं की जा सकती !
…………………..लेकिन लगे रहो वेवकूफ बना कर ही सही सीटें तो बढ़ रहीं हैं सब तो यही कर रहे हैं आप क्यों नहीं …………….?
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