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२१ जनवरी २०१४…………….एक क्रान्ति दिवस “जय हो”

SATYA MEV JAYATE
SATYA MEV JAYATE
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…………सुबह सुबह जैसे ही रजाई में से ” क्रांतिकारी श्री केजरीवाल जी ” का मुह बाहर निकला सूरज जैसा तेज था भाषा में सूरज जितनी आग थी ” कौन शिदे ” …..ये मुझे बतायेगा ? मैं इसे बताऊंगा ये कहाँ बैठेगा ! तभी एक पत्रकार महोदय पहुच गए पूछने लग गए ……”केजरीवाल जी” ………क्या कोई बीच का रास्ता ? ………… लेकिन क्रांतिकारी जी सूरज की तरह दहक रहे थे ”क्या बीच का रास्ता ? आधा रेप करवाऊं ? आधी बहु जलवाऊँ ?
…………लेकिन हुआ क्या ? जैसे की बादलों ने सूरज को ढाक रखा था ठीक वैसे ही केजरीवाल की आग बारिस की फुहारों में ठंडी पड़ती गयी और बचा कुचा पिटाई से बचने की जुगत हावी होती गयी …….शायद ?
…………जैसे केजरीवाल गणतंत्र दिवस को ललकार रहे थे लगता नहीं था कि इस रात की सुबह शाम को ही हो जायेगी ! कारण क्या थे जनता को बताने की जरुरत नहीं समझी ……..इतना बताना काफी था कि आंशिक सफलता मिली और जनता लोग घर जाओ धरना ख़त्म ?
…………भक्त लोग जो समझ रहे थे कि जनता दरबार लग नहीं रहा यहाँ मुख्यमंत्री मिल जायेंगे ………..एक आशा की किरण जगी और शाम को बुझ गयी……… लाठी डंडे अलग से खाये ……..कोई बात नहीं क्रान्ति में तो यही होता है !
…………अगर ये क्रान्ति ना होती तो कैसे पता चलता कि शीला दीक्षित जी एक पंगु मुख्यमंत्री थीं ?……….और केजरीवाल भी हैं ……..लेकिन चुनाव से पहले ऐसा नहीं था सारी गलतियों की जिम्मेवार मुख्यमंत्री होता था .! सारी कंपनियों के कमीशन ,पुलिस से ले आतंकवादी तक मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी थी ?
…………..इन सबमें सबसे बड़ी जिमेवारी बीजेपी की बनती है अगर ये बात पहले बता देते तो भारती जी थूकते भी नहीं ………..मजबूरी में भारती जी को थूकना पड़ रहा है ! एक बात और जब देखो तब मोदी को घसीट लेते हैं मोदी से क्या मतलब …..होते कौन हैं मोदी ? ….सपना देखना है तो देखो लेकिन केजरीवाल से तुलना ? ………..थूकने का मन करता है बीजेपी के नेताओं पर तो ……..अभी आये आये चार दिन हुए हैं और प्रधानमन्त्री बनना है पहले केजरीवाल से कुछ सीखो ………..आज तक मोदी ने किसी पुलिस वाले को छुट्टी दिलाई है ? आज तक मोदी ने दिल्ली में धरना दिया है ? क्या कभी जनता दरबार से भागे हैं ? क्या कभी पड़ी लिखी जनता को वेवकूफ बनाया है ? क्या हिम्मत है जब ऑफिस के सामने धरना चल रहा हो और खुद भी धरना दिया हो ? कल कम से कम १० जगह धरना दिया गया और सभी से एक दिन में निपटना क्या मोदी के बस की बात है ? और भी है क्या मोदी उस जगह रजाई में सोया है जहां धरना चल रहा हो सब जाग रहे हों और खुद रजाई में मुह ढक कर सोये हो याद है मोदी जी ? ये सब असम्भव को सम्भव करना एक क्रांतिकारी के बस की बात ही है …………अगर मोदी को पता होता कि पटाके नहीं बम चल रहे थे पटना में तो भाग ना जाते ? …………थूकने का मन करता है बीजेपी के नेताओं पर !
…………..तुलना करते हो तो सही करो ? …….एक तरफ गुजरात में दंगे करवाये और कहाँ एक तरफ दिल्ली का सुशासन ……….रेड डालने मंत्री खुद जाते हैं विदेशियों को सामने ही पेशाब करवाते है और तुम अमेरिका का वीजा नहीं ले पाये मोदी जी आज तक ? अपने मकानमालिक की बहू को आधी जलने के बाद पुलिस बुलाते है और फिर भी दो दिन तक पता भी नहीं करते हैं कि कोई गिरफ्तार हुआ कि नहीं और केजरीवाल धरना ख़त्म करने के बाद बताते है कि दो दिन पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है ? कभी सोचा है सुशासन क्या होता है …………?
……………पूरे भारत में सदस्यता अभियान छेड़ा है भाइयो सभी से उम्मीद है हमारे क्रांतिकारियों को मारें पीटें नहीं सदस्यता ले और सुराज की तरफ बढ़ें इन कोंग्रेसियो और भाजपाइयों को देश से भगाएं ! इन्हे (बीजेपी,कोंग्रेश) आज तक ये नहीं पता कि गणतंत्र क्या होता है गधे पता नहीं क्या झांकी निकाल कर ताली बजाते हैं ……..शर्म नहीं आती इनको ……….? अरे कोई धरना करो अपने अपने ऐसी रूम से बाहर निकलो ………..ऐसा गणतंत्र नहीं चलता रेल भवन पर पहुचो ……समझे कि नहीं ? थूकने का मन करता है इनके मुह पर !

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